एमबीबीएस(MBBS) कोर्स क्या है- MBBS कोर्स की पूरी जानकारी विस्तार से आपको इस आर्टिकल में दी जाएगी।
एमबीबीएस का मतलब बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी होता है ।
यह एक ऐसा बैचलर कोर्स है, जिसको करने के बाद आपको डॉक्टर की उपाधि मिल जाती है।
मतलब यह कोर्स करने के बाद आप डॉक्टर बन जाएंगे, और डॉक्टर के रूप में अपनी विभिन्न भूमिकाएं निभाएंगे।
जैसा कि हम जानते हैं एक डॉक्टर का सबसे महत्वपूर्ण काम मानव स्वास्थ्य को बनाए रखना या फिर किसी प्रकार की कोई बीमारी होने पर उसे ठीक करना होता है।
एक डॉक्टर मानव शरीर के रोग बीमारी चोट, दर्द आदि का निदान और प्रचार करता है।
इंडिया ही नहीं दुनिया के हर देश में डॉक्टर को एक बहुत बड़ा इज्जत में हासिल होता है।
तो अगर किसी का भी पैशन लोगों की इलाज करना ,लोगों को बीमारियों से दूर रखना है, तो उसे डॉक्टर बनना चाहिए और डॉक्टर बनने के लिए उसे एमबीबीएस कोर्स करना होगा।
इंडिया में एमबीबीएस कोर्स साढ़े 5 साल का होता है, जिसमें 4.5 इयर्स का पढ़ाई और 1 साल का कंपलसरी इंटर्नशिप होता है।
भारत में MBBS की सीटें 70000 से अधिक हैं, और हर साल NEET परीक्षा के लिए 15 लाख से अधिक छात्र आवेदन करते हैं।
एमबीबीएस(MBBS) क्या है?
एमबीबीएस का फुल फॉर्म बैचलर ऑफ मेडिसिन और बैचलर ऑफ सर्जन है ।
यह एक ऐसा मेडिकल, अंडरग्रैजुएट कोर्स है ,जो स्टूडेंट्स के डॉक्टर या सर्जन बनने के सपने को साकार करता है।
सबसे ज्यादा लोग जो डॉक्टर बनते हैं, उनके पास एमबीबीएस का ही डिग्री होता है।
मेडिकल के फील्ड में एमबीबीएस डिग्री सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है, यह अंडरग्रैजुएट डिग्री आपको मरीज का इलाज कर सकने का क्षमता और अनुमति प्रदान करता है।
जो स्टूडेंट्स 12वीं या इंटर्मीडीयट के दौरान बायोलॉजी सब्जेक्ट लेकर पढ़ाई करते हैं, वे एमबीबीएस कोर्स के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
एमबीबीएस 5.5 साल का एक ऐसा कोर्स है ,जिसके दौरान आपको ह्यूमन बॉडी कैसे काम करता है, के बारे में सब कुछ बताया जाता है।
कोर्स के दौरान आपको विस्तार से मानव शरीर में होने वाली बीमारियों और उनके इलाज के बारे में पढ़ाया जाता है।
अगर देखा जाए तो एमबीबीएस कोर्स, बैचलर डिग्री का एक समाहित रूप है, बैचलर ऑफ मेडिसिन और बैचलर ऑफ सर्जरी का।
अलग-अलग देशों में एमबीबीएस कोर्स का डूरेशन और फॉर्मेट अलग अलग होता है, इंडिया में इंग्लैंड की तर्ज पर एमबीबीएस कोर्स को डिजाइन किया गया है।
देखा जाए तो एमबीबीएस कोर्स पूरा करने के बाद छात्र एक ऐसा डॉक्टर बनते हैं जो हर तरह की बीमारी का इलाज कर सकता है।
लेकिन उसके पास किसी भी फील्ड का स्पेशलाइजेशन नहीं होता है, उसके लिए उसे आगे चलकर मास्टर डिग्री हासिल करना होता है।

एमबीबीएस कोर्स के दौरान स्टूडेंट्स क्या सीखते हैं?
एमबीबीएस मेडिकल का एक ऐसा कोर्स है, जिसके दौरान स्टूडेंट्स मानव शरीर में होने वाली बीमारियों और उसके इलाज के बारे में सीखते हैं।
कोर्स के दौरान स्टूडेंट्स मानव शरीर की संरचना और फंक्शनिंग के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं।
और उसके बाद शरीर में लगने वाले अलग -अलग तरह की बीमारियों के बारे में पढ़ते हैं।
इस कोर्स को कुछ इस तरह से डिजाइन किया गया है, कि आप एक मानव शरीर के बारे में सब कुछ पढ़ते हैं, जैसे कि गर्भधारण से लेकर बच्चे के जन्म होने, और उसके व्यस्क होने, और फिर बूढ़े होने तक के बारे में सब कुछ।
दूसरे शब्दों में कहें तो एमबीबीएस कोर्स के दौरान आपको मानव शरीर के शुरुआत होने से अंत होने तक के बारे में पढ़ाया जाता है।
किसी भी इंसान के जन्म लेने से के समय से ही उसे सही देखभाल की जरूरत होती है।
बहुत सारी बीमारियों से बचाव के लिए सही इलाज और जानकारी की जरूरत होती है।
कभी किसी तरह की चोट लग जाने या बीमारी हो जाने पर सही इलाज की जरूरत होती है, ताकि उस व्यक्ति का शरीर फिर से सही ढंग से काम कर सके।
और यह सब काम एक डॉक्टर के द्वारा किया जाता है, जो यह कला एमबीबीएस कोर्स के दौरान सीखता है।
इस कोर्स के दौरान प्रैक्टिकल पर ज्यादा जोर दिया जाता है, ताकि स्टूडेंट्स किसी भी बीमारी और उसके लक्षण को सही ढंग से समझ सके।
किनको एमबीबीएस कोर्स करनी चाहिए?
स्टूडेंट्स जिनका इंटरेस्ट डॉक्टर बनने, और डॉक्टर बनकर लोगों का इलाज करने, लोगों की मदद करने में है, उनको यह कोर्स करनी चाहिए।
यह 5 साल का एक लंबा कोर्स है जिसको अच्छे से पूरा कर अपने कैरियर में अच्छा करने के लिए इसमें इंटरेस्ट होना बहुत जरूरी है।
तो अगर आपको लगता है, कि आप मरीज को समझ पाएंगे, उनका सही इलाज कर पाएंगे, तो आपको यह कोर्स करना चाहिए।
क्योंकि डॉक्टर को दूसरे भगवान का दर्जा दिया जाता है, और अगर आपने यह कोर्स पूरे इंटरेस्ट के साथ नहीं किया, तो आप सही इलाज नहीं कर पाएंगे।
इसलिए जरूरी है कि वे स्टूडेंट्स ही इस कोर्स को करें, जिनको मेडिकल फील्ड में इंटरेस्ट हो।
एक अच्छा डॉक्टर बनने के लिए जो छात्र एमबीबीएस कोर्स करने की सोच रहे हैं उनमें निम्न क्वालिटी भी होनी जरूरी होती है-
- मददगार स्वभाव का होना
- अच्छी सहनशक्ति होना
- हर समय मानसिक सतर्कता होना
- धैर्य और करुणा होना
- सीखने की ललक होना
- किसी भी टीम के साथ काम करने की क्षमता होना
एमबीबीएस कोर्स की मुख्य बातें
पाठ्यक्रम स्तर | स्नातक |
कोर्स की अवधि | 5 वर्ष |
पात्रता | किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से +2 (50%) |
प्रवेश प्रक्रिया | प्रवेश परीक्षा |
ट्यूशन शुल्क | 10000 से 2500000 प्रति वर्ष |
परीक्षा का प्रकार | सेमेस्टर वाइज |
नौकरी प्रोफ़ाइल | जूनियर डॉक्टर, डॉक्टर, फिजिशियन, साइंटिस्ट, जूनियर सर्जन |
औसत वेतन की शुरुआत | 10 लाख प्रति वर्ष से 20 लाख प्रति वर्ष |
प्लेसमेंट के अवसर | सरकारी और निजी क्षेत्र में |
एमबीबीएस कोर्स पात्रता
एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए निम्नलिखित पात्रता पूरी करनी होगी-
- किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12 वीं किया हो।
- 12 वीं का प्रतिशत कम से कम 50 (यदि आरक्षित वर्ग से 40% है)।
- 12 वीं में बायोलॉजी विषय का अध्ययन किया हो।
- छात्र की आयु 17 वर्ष से 25 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- एम्स के लिए सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए 60% और एससी / एसटी उम्मीदवारों के लिए 50% मार्क्स की आवश्यकता होती है।
एमबीबीएस कोर्स की अवधि
एमबीबीएस पाठ्यक्रम 5.5 वर्ष का होता है, जिसे दो भागों में विभाजित किया जाता है।
4.5 साल के लिए, छात्र को विषय का अध्ययन करना पड़ता है, अंतिम वर्ष के लिए, सभी छात्रों को इंटर्नशिप करने की आवश्यकता होती है।
एमबीबीएस कोर्स प्रवेश प्रक्रिया
अगर कोई स्टूडेंट एमबीबीएस एडमिशन के लिए इंटरेस्टेड है, तो वह निम्न तीन प्रकार से इंडिया के किसी भी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन ले सकता है-
- NEET (नीट)- इंडिया के सभी प्राइवेट और सरकारी मेडिकल कॉलेज में MBBS एडमिशन लिए
- JIPMER (जिपमर)– केबल जिप्मर, पांडिचेरी में एडमिशन के लिए
- AIIMS (एम्स)– केवल एम्स देल्ही में एडमिशन के लिए

2016 से पहले तक इंडिया में हर स्टेट के लिए अलग-अलग इंट्रेंस एग्जाम होता था।
वही बहुत सारे प्राइवेट कॉलेज भी अपना खुद का एंट्रेंस एग्जाम कंडक्ट करते थे।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इन सारे एंट्रेंस एग्जाम्स के जगह एक कॉमन एंट्रेंस एग्जाम नीट का आयोजन किया जाता है।
जिस के थ्रू आप इंडिया के लगभग सारे ही मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस कोर्स के लिए एडमिशन ले सकते हैं।
अभी नीट एंट्रेंस एग्जाम के अलावा जिपमर पांडिचेरी और एम्स दिल्ली को अलग से अपना खुद का एंट्रेंस एग्जाम कंडक्ट करने का परमिशन है।
तो कुल मिलाकर इंडिया में MBBS एडमिशन के लिए तीन ही इंट्रेंस एग्जाम होते हैं
हर साल नीट एंट्रेंस एग्जाम में लगभग 15 लाख से ज्यादा छात्र एग्जाम लिखते हैं ,एमबीबीएस एडमिशन के लिए इस इंट्रेंस एग्जाम में अच्छा स्कोर करना बहुत जरूरी है।
नीट एग्जाम के बाद रिजल्ट पब्लिश किया जाता है, जिसमें एक कट ऑफ मार्क निर्धारित किया जाता है।
जिसके ऊपर स्कोर करने वाले स्टूडेंट्स को ही एमबीबीएस या बीडीएस कोर्स में एडमिशन मिल पाता है।
नीट एग्जाम का टोटल मार्क्स 700 होता है, जिसमें अगर किसी स्टूडेंट ने 400 से ऊपर स्कोर किया है, तो वह अच्छे कॉलेज मिलने की उम्मीद कर सकता है।
सरकारी कॉलेज में एमबीबीएस कोर्स में एडमिशन के लिए आपको नीट में बहुत अच्छा स्कोर करना जरूरी होता है।
एमबीबीएस कोर्स के लिए ट्यूशन फीस
भारत में एमबीबीएस कोर्स के लिए अलग-अलग कॉलेजेस का फीस अलग अलग होता है।
जहां सरकारी मेडिकल कॉलेजेस का फीस कम होता है, वहीं प्राइवेट मेडिकल कॉलेज का फीस बहुत ज्यादा होता है।
सरकारी कॉलेज का ट्यूशन फीस 10000 पर ईयर से लेकर 50000 पर ईयर तक हो सकता है।
वहीं प्राइवेट मेडिकल कॉलेज का फीस 1000000 सालाना से लेकर 25 लाख सालाना तक भी हो सकता है।
इसलिए छात्रों को कोशिश करनी चाहिए, की इंट्रेंस एग्जाम में अच्छा स्कोर कर किसी सरकारी कॉलेज में एडमिशन ले ले, ताकि कम खर्च में एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त कर सकें।
एमबीबीएस कोर्स के बाद कैरियर विकल्प
एमबीबीएस कोर्स करने के बाद किसी स्टूडेंट के पास बहुत सारी करियर की संभावनाएं होती हैं।
उनमे से दो प्रमुख हैं, या तो स्टूडेंट हायर स्टडी के लिए जा सकता है, या फिर नौकरी शुरू कर सकता है।
बहुत सारे छात्र एमबीबीएस कोर्स पूरा करने के बाद अपना खुद का हॉस्पिटल या नर्सिंग होम भी शुरू करते हैं।
एमबीबीएस कोर्स की सबसे अच्छी बात यह है, की डॉक्टर्स की बहुत ज्यादा डिमांड होने के कारण कोई भी छात्र खाली नहीं बैठता है, उसे कहीं ना कहीं एक अच्छी नौकरी जरूर मिल जाती है।
एमबीबीएस कोर्स करने के बाद नौकरी-
एमबीबीएस कोर्स करने के बाद अगर कोई छात्र नौकरी करना चाहे तो मेडिकल फील्ड में बहुत सारे रोल में उसे नौकरी मिल सकती है।
सरकारी और प्राइवेट, दोनों सेक्टर में बहुत सारी नौकरी की संभावनाएं हैं।
कुछ प्रमुख फील्ड जिनमें एमबीबीएस के छात्रों के लिए नौकरी की संभावना होती है-
- अस्पताल स्वास्थ्य केंद्र
- निजी अस्पताल
- प्रयोगशाला
- फार्मास्युटिकल कंपनियां
- बायोटेक्नोलॉजी कंपनियां
- बायोमेडिकल कंपनियां
- मेडिकल कॉलेज
कुछ प्रमुख रोल जिसे एक एमबीबीएस डॉक्टर को निभाने को मिलता है-
- डॉक्टर
- जूनियर डॉक्टर
- जूनियर सर्जन
- चिकित्सक
- मेडिकल प्रोफेसर या लेक्चरर
- वैज्ञानिक
- शोधकर्ता
- मनोविज्ञानी
- मनोचिकित्सक
- रेडियोलॉजिस्ट
एमबीबीएस कोर्स करने के बाद सैलरी
एमबीबीएस कोर्स करने के बाद छात्र एक अच्छी नौकरी के साथ एक अच्छा सैलरी भी पाते हैं।
अगर कोई छात्र सरकारी हॉस्पिटल या किसी सरकारी विभाग में नौकरी पाता है, तो उसकी शुरुआती सैलरी 70000 से ₹100000 पर महीना तक हो सकती है।
वहीं प्राइवेट सेक्टर में भी उसे ₹100000 महीना तक आसानी से मिल जाता है।
बहुत सारे छात्र जो अपना खुद का हॉस्पिटल या नर्सिंग होम शुरू करते हैं, वह भी बहुत अच्छा पैसा कमा पाते हैं।
औसतन देखा गया है कि शुरुआत में नर्सिंग होम से एक डॉक्टर एक से ₹2 लाख महीना तक आसानी से कमा लेता है।
बहुत सारे छात्र जो एमबीबीएस कोर्स पूरा करने के बाद किसी दूसरे देश जैसे की अमेरिका या इंग्लैंड चले जाते हैं, बहुत अच्छी कमाई कर पाते हैं।
एमबीबीएस के लिए टॉप रिक्रूटर्स: –
फोर्टिस हेल्थ केयर
अपोलो अस्पताल
कोलंबिया एशिया
मेदांता
मैक्स हेल्थ केयर
डॉ. लाल पथ लैब
ग्लोबल अस्पताल
वॉकहार्ट अस्पताल
SIMS
एमबीबीएस कोर्स के बाद हायर एजुकेशन
बहुत सारे एमबीबीएस छात्र जो किसी भी फील्ड में स्पेशलाइजेशन लेना चाहते हैं, वह एमबीबीएस कोर्स पूरा होने के बाद हायर एजुकेशन के लिए चले जाते हैं।
हायर एजुकेशन में निम्न प्रमुख ऑप्शन उपलब्ध है-
- MD(एमडी) – डॉक्टर ऑफ मेडिसिन
- MS(एमएस)- मास्टर ऑफ सर्जरी
- PG(पीजी डिप्लोमा)

एमबीबीएस के लिए इंडिया में शीर्ष कॉलेज
- अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, दिल्ली
- क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर
- जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, पांडिचेरी
- सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज, पुणे
- कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज, मैंगलोर
- मद्रास मेडिकल कॉलेज, चेन्नई
- मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज, नई दिल्ली
- किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ
- बीएचयू, वाराणसी
- लिवर और पित्त विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली
- जामिया हमदर्द, नई दिल्ली
- एम एस रमैया मेडिकल कॉलेज, बेंगलुरु
- यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंस, दिल्ली
- पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़
- डॉ. डी वाई पाटिल, पुणे
- कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी, भुवनेश्वर
- एसआरएम विश्वविद्यालय, चेन्नई
- महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, पांडिचेरी
- अन्नामलाई विश्वविद्यालय, चिदंबरम
- दयानंद मेडिकल कॉलेज, लुधियाना
एमबीबीएस कोर्स सिलेबस
साढे 5 वर्षों के पाठ्यक्रम में पूरा साढे 4.5 वर्ष का अध्ययन पाठ्यक्रम शामिल होता है, और बाकी बचे 1 साल का इंटर्नशिप होता है।
पहला वर्ष (1 साल)
1.शरीर रचना
2. फिजियोलॉजी
3. बायोकेमेस्ट्री
दूसरा वर्ष (डेढ़ साल)
- फार्मोकोलॉजी
- पैथोलॉजी
- माइक्रोबायोलॉजी
- फॉरेंसिक चिकित्सा और विष विज्ञान
तीसरा वर्ष (1 साल )
- निवारक और सामाजिक चिकित्सा
- 2. कान, नाक और गला (ENT)
अंतिम वर्ष (1 साल )
- मनोचिकित्सा
- सर्जरी
- स्त्री रोग और प्रस्तुति
- बाल चिकित्सा
फ्रेंड्स अगर आप यह आर्टिकल इंग्लिश में पढ़ना चाहते है, तो आप करियर कनेक्शंस पर विजिट कर सकते है.(MBBS course Details)
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Hello sir mai suger ka doctor banna chahta hu iske liye mbbs Krna hoga ya kuch or aur kaun sa subject lena chahiye mujhe
aap mbbs kar sakte hai, ya BHMS bhi kar sakte hai
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MBBS course details in Hindi, that’s great thanks for sharing this information for us ..
Sir kya married boy MBBS ker Sakta hai ki Nahi
kar sakte hai
Great post sr ji
Bahut hi achhe tarike se samjhaya gaya hai sir g
Many many Thanks sir g.
Mera beta 2022 me Rims Ranchi Jharkhand se MBBS ka course starts karne ja raha hai.