डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग या सिविल पॉलिटेक्निक दसवीं के बाद सबसे बेहतरीन टेक्निकल कोर्स में से एक है, जो यह सुनिश्चित करता है कि छात्र इस कोर्स के बाद एक हाईली ग्रोइंग सेक्टर, मतलब कंस्ट्रक्शन सेक्टर का हिस्सा बन पाएंगे।
यह कोर्स कंस्ट्रक्शन के बारे में है और अलग-अलग तरह के कंस्ट्रक्शन टेक्निक्स और कंस्ट्रक्शन टर्म्स के बारे में छात्रों को इस कोर्स के दौरान पढ़ाया जाता है।
सिविल इंजीनियरिंग दुनिया की सबसे पुरानी इंजीनियरिंग कोर्स में से एक है, और आज भी इस ब्रांच से इंजीनियरिंग करने वाले छात्रों को अच्छी नौकरी अच्छे सैलरी के साथ मिल रही है।
सिविल इंजीनियरिंग की एक अच्छी बात यह है कि इसका एप्लीकेशन हर जगह होता है, चाहे कहीं कोई छोटा कंस्ट्रक्शन का काम हो रहा हो, या बड़ा।
जब भी कोई कंस्ट्रक्शन का काम होता है तो उसका एक डिजाइन तैयार किया जाता है और उस डिजाइन के अनुसार ही कंस्ट्रक्शन का काम हो यह सुनिश्चित सिविल इंजीनियर करता है।
डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग क्या है?
डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग कोर्स कंस्ट्रक्शन, डिजाइन और मेंटेनेंस के बारे में है।
जहां कहीं भी कोई पुल, सड़क, बांध, एयरपोर्ट, कैनल, पाइपलाइन, सीवरेज सिस्टम, बिल्डिंग आदि का निर्माण कार्य होगा वहां सिविल इंजीनियर यह सुनिश्चित करता है, कि काम डिजाइन और प्लान के अनुसार ही हो रहा है।
पॉलिटेक्निक सिविल कोर्स के 3 साल के दौरान छात्रों को सिविल इंजीनियरिंग का वह सब ज्ञान दिया जाता है जिससे वह कंस्ट्रक्शन साइट पर प्लानिंग के अनुसार काम को करवा सकें।
दूसरे शब्दों में कहें तो डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग वह इंजीनियरिंग ब्रांच है, जो डिजाइन और कंस्ट्रक्शन को प्लानिंग से जोड़ता है।
डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग कोर्स करने के बाद कोई छात्र जूनियर इंजीनियर बन सकते हैं और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में अपना योगदान दे सकते हैं।
डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग कोर्स के दौरान छात्र क्या सीखते हैं?
पॉलिटेक्निक सिविल कोर्स के दौरान छात्रों को कंस्ट्रक्शन से जुड़ी कई तरह की बारीकियों को सिखाया जाता है।
यह कोर्स कंस्ट्रक्शन के बारे में है, और अलग-अलग तरह के कंस्ट्रक्शन टेक्निक्स और कंस्ट्रक्शन टर्म्स के बारे में छात्रों को इस कोर्स के दौरान पढ़ाया जाता है।
अलग-अलग तरह के कंस्ट्रक्शन जैसे कि सड़क, पुल, रेलवे, बिल्डिंग आदि के साथ-साथ कंस्ट्रक्शन मैटेरियल के बारे में भी पढ़ाया जाता है।
छात्र को वह सभी ज्ञान दिया जाता है जिससे वह सभी तरह के डायग्राम को समझ सके, सर्वे का कार्य कर यह सुनिश्चित कर सकें कि कोई कंस्ट्रक्शन काम प्लानिंग के अनुसार ही हो रहा है।
इस कोर्स के दौरान छात्रों को मैथमेटिक्स के कई पेपर पढ़ने होते हैं, साथ में फिजिक्स, ग्राफिक और कंप्यूटर ड्राइंग के भी पेपर पढ़ने होते हैं ।
Draughtsman civil ट्रेड की मुख्य बातें
इस ब्रांच के कुछ मुख्य बातें निम्न है-
पाठ्यक्रम स्तर | 12th |
कोर्स की अवधि | 3 वर्ष (6 semester) |
पात्रता | किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10th |
प्रवेश प्रक्रिया | डायरेक्ट एडमिशन, प्रवेश परीक्षा |
ट्यूशन शुल्क | 5000 से 50000 प्रति वर्ष |
परीक्षा का प्रकार | सेमेस्टर वाइज |
नौकरी प्रोफ़ाइल | जूनियर इंजीनियर, टेक्नीशियन |
औसत वेतन की शुरुआत | 1 लाख प्रति वर्ष से 2 लाख प्रति वर्ष |
प्लेसमेंट के अवसर | सरकारी और निजी क्षेत्र में |
किनको यह कोर्स करनी चाहिए?
जिन छात्रों का इंटरेस्ट कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र में है, जिन्हें किसी भी तरह के कंस्ट्रक्शन के काम को देखकर रोमांच आता है, उनको यह कोर्स करनी चाहिए।
साथ में जो छात्र कम समय में और कम पैसे खर्च कर एक ऐसा कोर्स करना चाहते हैं, जिसके बाद उनको एक अच्छी पोस्ट के साथ अच्छे फील्ड में नौकरी मिल सके, तो वे छात्र भी इस कोर्स को कर सकते हैं।

एलिजिबिलिटी (Eligibility)
जिन छात्रों ने किसी भी रिकॉगोनाइज्ड बोर्ड से दसवीं पास कर ली हैं, और साथ में जिन्होंने मैथमेटिक्स और फिजिक्स की पढ़ाई की है, वे सभी छात्र इस कोर्स के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
साथ में अगर कोई छात्र 12वीं के बाद सिविल पॉलिटेक्निक कोर्स करना चाहें तो उनका फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथमेटिक्स सब्जेक्ट कंबीनेशन होना जरूरी है।
अगर कोई छात्र आईटीआई करने के बाद डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग कोर्स करना चाहें तो उनका आईटीआई 2 साल का किसी सिविल से रिलेटेड ब्रांच से होना जरूरी है, जैसे कि सिविल ड्राफ्ट्समैन, सर्वेयर आदि ।
यहां ट्वेल्थ और आईटीआई कर चुके छात्रों को एक फायदा यह हो जाता है, कि उनको सीधे सेकंड ईयर में लेटरल एंट्री के थ्रू एडमिशन मिल जाता है, मतलब उनका डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग कोर्स 2 साल में ही पूरा हो जाएगा।
अधिकतर कॉलेज में परसेंटेज का ज्यादा डिमांड नहीं रहता है, तो 45% से ज्यादा दसवीं में या 12वीं में या आईटीआई के दौरान स्कोर करने वाले छात्रों को आसानी से इस कोर्स में एडमिशन मिल सकता है ।
साथ में छात्रों को मैक्सिमम एज में भी छूट दी जाती है, तो कई बार जो छात्र अपनी पढ़ाई किसी कारण से छोड़ चुके होते हैं दसवीं के बाद, वह भी इस कोर्स को ज्वाइन कर पाते हैं।
एडमिशन प्रोसीजर (Admission Procedure)
डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग कोर्स के एडमिशन प्रोसीजर की बात करें तो आपको इस कोर्स के लिए दो तरह से एडमिशन मिल सकता है।
- डायरेक्ट एडमिशन
- एंट्रेंस एग्जाम के थ्रू एडमिशन
अधिकतर प्राइवेट कॉलेज और कुछ राज्य के सरकारी कॉलेज में भी आपको डायरेक्ट ऐडमिशन आपके टेंथ या ट्वेल्थ मार्क्स बेसिस पर मिल जाएगा ।
वहीं सरकारी और कुछ प्राइवेट कॉलेजेस के लिए आपको इंट्रेंस एग्जाम लिखना होगा।
बहुत सारे स्टेट जैसे कि बिहार, झारखंड, यूपी, देल्ही, उड़ीसा आदि अपना खुद का पॉलिटेक्निक एंट्रेंस एग्जाम कंडक्ट करते हैं, जिसमें क्वालीफाई करने वाले छात्रों को ही,इनके सरकारी कॉलेज में एडमिशन मिल पाता है।
आज सिविल पॉलिटेक्निक कोर्स के लिए बहुत सारे प्राइवेट कॉलेज उपलब्ध है, जहां आप एडमिशन लेकर अच्छी नॉलेज हासिल कर अच्छा प्लेसमेंट प्राप्त कर सकते हैं।
कोर्स ड्यूरेशन (Course Duration)
इस कोर्स का ड्यूरेशन 3 साल का होता है, जिसके दौरान छह सेमेस्टर होते हैं।
अगर कोई छात्र ट्वेल्थ या आईटीआई के बाद डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग कोर्स ज्वाइन करेगा, तो उसके लिए यह कोर्स 2 साल का ही होगा।
ट्यूशन फीस (Tuition fees)
ट्यूशन फीस की बात करें तो अधिकतर सरकारी कॉलेज में ट्यूशन फीस 5 से ₹10000 सालाना तक होता है, वहीं प्राइवेट कॉलेज में ट्यूशन फीस 25 से ₹50000 सालाना तक भी हो सकता है।
तो छात्रों को कोशिश करनी चाहिए कि अगर वह इंट्रेंस एग्जाम क्लियर कर सरकारी कॉलेज में एडमिशन ले पाए तो कम खर्च में अपना कोर्स पूरा कर पाएंगे,
साथ में अधिकतर सरकारी कॉलेज पुराने होते हैं और उनमें लैब फैसिलिटी अच्छी होती है, और उनके फैकल्टी भी ज्यादा एक्सपीरियंस्ड होते हैं,।
तो सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज में एडमिशन मिल जाना किसी छात्र के लिए ज्यादा फायदेमंद रह सकता है
कोर्स के बाद कैरियर ऑप्शन
इस कोर्स के बाद कैरियर ऑप्शन की बात करें तो छात्रों को अच्छी नौकरी आसानी से मिल रही है।
आज सबसे ज्यादा सरकारी नौकरी डिप्लोमा स्तर पर सिविल पॉलिटेक्निक कर चुके छात्रों को ही मिल रही है।
साथ में इन छात्रों के लिए प्राइवेट सेक्टर में भी बहुत सारे नौकरी के मौके हैं।
आप अपने चारों तरफ भी देख कर यह समझ सकते हैं कि कंस्ट्रक्शन का काम हर जगह चल रहा है, तो जहां भी कंस्ट्रक्शन का काम हो रहा है, वहां बहुत सारे सिविल इंजीनियर की जरूरत होती है, और बहुत सारी कंपनियां डिप्लोमा वाले कर चुके छात्रों को नौकरी देना पसंद करती हैं ।
भारत और दुनिया के बहुत सारे देश डेवलपिंग कंट्री है, जहां कंस्ट्रक्शन का बहुत सारा काम चल रहा है, तो अगर कोई छात्र डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग कोर्स करने जा रहे हैं, तो उनको बस अच्छा नॉलेज हासिल करने पर अपना पूरा ध्यान लगाना चाहिए, उनको एक अच्छी नौकरी मिलने से कोई नहीं रोक सकता है।
यह एक हाईली ग्रोइंग सेक्टर है, जिसमें अगले 30 – 40 साल तक नौकरी की कोई समस्या नहीं है।
सरकारी सेक्टर में एसएससी, रेलवे, इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट, डिफेंस के साथ-साथ राज्य सरकारों के तरफ से भी कई अन्य तरह के पोस्ट जैसे कि अमीन, सर्वेयर आदि के लिए सिविल पॉलिटेक्निक कर चुके छात्रों को नौकरी मिल रही है।
प्राइवेट सेक्टर की कंस्ट्रक्शन कंपनी जैसे कि एलएनटी, आम्रपाली, टेक महिंद्रा, पुंज लॉयड, दिलीप बिल्डकॉन, AFCON आदि में भी डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग कर चुके छात्रों को नौकरी मिल रही है, और इसके अलावा भी बहुत सारी प्राइवेट कंपनियां हैं जहां छात्रों को आसानी से नौकरी मिल जाती है।
सैलरी
शुरुआती सैलरी की बात करें तो प्राइवेट सेक्टर में छात्रों को 10 से ₹20000 तक का एवरेज मंथली सैलरी मिल पाता है, वही गवर्नमेंट सेक्टर में 25 से ₹30000 तक का शुरुआती सैलरी आसानी से छात्रों को मिल रहा है।
यहां छात्रों को शुरुआती सैलरी देखकर घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह एक टेक्निकल कोर्स है, जिसके बाद छात्रों को नौकरी के दौरान जल्दी पोस्ट इंक्रीमेंट और सैलरी बढ़ोतरी मिलती है।
तो अगर कोई छात्र इस कोर्स के दौरान अच्छी नॉलेज हासिल करते हैं, और अपना काम किसी प्राइवेट कंपनी में भी अच्छे ढंग से करते हैं, तो जल्द ही वह एक अच्छे सैलरी की उम्मीद कर सकते हैं।
हायर एजुकेशन (Higher Education Options)
डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग कोर्स के बाद हायर एजुकेशन की बात करें तो सबसे ज्यादा छात्र इंजीनियरिंग करते हैं, लेकिन अगर कोई छात्र बीएससी या कोई अन्य ग्रेजुएशन कोर्स भी करना चाहें, तो कर सकते हैं।
इंजीनियरिंग में आपको सिविल ब्रांच से रिलेटेड branches में डायरेक्ट सेकंड ईयर में लेटर एंट्री के थ्रू एडमिशन मिल जाएगा।
सिविल से रिलेटेड कुछ ब्रांच की बात करें तो सिविल इंजीनियरिंग, सिविल इन्फ्राट्रक्चर इंजीनियरिंग, माइनिंग इंजीनियरिंग, एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग, मैटेरियल इंजीनियरिंग आदि में सिविल पॉलिटेक्निक के छात्रों को सेकंड ईयर में एडमिशन मिल सकता है।
सिलेबस (Syllabus)
डिप्लोमा इन सिविल सिविल इंजीनियरिंग के सिलेबस की बात करें तो पहले 1 साल के दौरान छात्रों को बेसिक फिजिक्स, केमेस्ट्री, मैथमेटिक्स, English के साथ-साथ कंप्यूटर, ग्राफिक्स आदि पढ़ाया जाता है और सेकंड ईयर से सिविल के सब्जेक्ट पढ़ाए जाते हैं।
साथ में छात्रों को अलग-अलग तरह के ड्राइंग टेक्नॉलॉजी जैसे कि ऑटोकैड आदि के बारे में भी बताया जाता है।
Semester 1 (Year 1)
Theory | Practical |
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Applied Physics | Mechanical Workshop |
Applied Chemistry | |
Engineering Mathematics 1 | |
Computer fundamentals and applications | |
Communication English |
Semester 2 (Year 1)
Theory | Practical |
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Programming in C | Electrical Workshop |
Engineering Drawing | |
Engineering Mathematics 2 | |
Basics of Electrical & Electronics | |
Communication English-2 |
Semester 3 (Year 2)
Theory | Practical |
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Computer Application & Programming | Civil Engineering Drawing |
Engineering Economics & Accountancy | Professional Practice-I |
Fundamentals of Electrical & Electronic Engineering | |
Water Resource Engineering | |
Building Construction & Materials | |
Semester 4 (Year 2)
Theory | Practical |
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Surveying | |
Structural Mechanics | Professional Practice-2 |
Hydraulics | |
Estimating-I | |
Concrete Technology | |
Computer-Aided Drafting & Drawing |
Semester 5 (Year 3)
Theory | Practical |
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Advanced Surveying | |
Transportation Engg | Professional Practice-3 |
Design of RCC Structure | |
Geotechnical & Foundation Engg | |
Advance Building Construction & Earthquake Resistant Technology | |
Semester 6 (Year 3)
Theory | Practical |
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Industrial management & Entrepreneurship | |
Design of Steel Structure | Project work |
Estimating-II | |
Environmental Engineering &Pollution Control | |
Building Construction & Materials | |
टॉप कॉलेज
इस कोर्स के लिए कुछ टॉप के कॉलेज की बात करें तो हर राज्य में आपको बहुत सारे सरकारी और प्राइवेट पॉलिटेक्निक कॉलेज मिल जाएंगे, जहां सिविल की भी पढ़ाई कराई जाती है।
- एसआरएम पॉलिटेक्निक कॉलेज, चेन्नई
- कलिंगा पॉलिटेक्निक, भुवनेश्वर
- गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक कॉलेज, धनबाद
- गवर्मेंट पॉलिटेक्निक, पटना
- यमुना पॉलिटेक्निक, यमुनानगर
- किसन ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, शिकोहाबाद
- लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, पंजाब
- जामिया मिलिया इस्लामिया, न्यू दिल्ली
- टेक्नो इंडिया यूनिवर्सिटी, कोलकाता
- इंटीग्रल यूनिवर्सिटी, लखनऊ
- आदित्य इंजीनियरिंग कॉलेज, आंध्र प्रदेश
- गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक, पुणे
- एलजे पॉलिटेक्निक, अहमदाबाद
- श्री विद्यानिकेतन कॉलेज, तिरुपति
- विवेकानंद ग्लोबल यूनिवर्सिटी, जयपुर
- संदीप यूनिवर्सिटी, नासिक
- नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, पटना
कुछ अन्य जरूरी बातें इस कोर्स के बारे में
डिप्लोमा इन इन सिविल इंजीनियरिंग कोर्स कर, कोई छात्र अपने कैरियर को काफी ऊंचाई पर ले जा सकते हैं ।
जहां तक बात करें क्राउड की तो इस कोर्स के लिए ज्यादा क्राउड नहीं है, और इसलिए नौकरी के दौरान भी ज्यादा कंपटीशन का सामना नहीं करना पड़ता है।
साथ में अगर आप देखेंगे तो एसएससी या अन्य एग्जाम के दौरान सिविल वालों का कटऑफ कम होता है, अन्य ब्रांच वालों के मुकाबले।
जो छात्र यह कोर्स करना चाहते हैं उनको मेरी तरफ से सलाह होगी कि अगर आपको सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज में एडमिशन मिल पा रहा है, तो आप वहां ज्वाइन करें या फिर अगर आप थोड़ा सा फीस afford कर सकते हैं, तो आप किसी अच्छे शहर के पॉलिटेक्निक कॉलेज से यह कोर्स करें।
क्योंकि वहां आपको अच्छा एक्सपोजर मिलेगा, जिसके बाद अच्छा प्लेसमेंट मिल पाना बहुत आसान हो जाता है।
और अगर बात करें कि डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग कोर्स करना लड़कियों के लिए अच्छा डिसीजन रह सकता है या नहीं, तो आज कोई ऐसा सेक्टर नहीं है, जहां लड़कियां काम नहीं कर रही हैं, या नहीं कर सकती हैं।
हां यहां इस बात का ध्यान लड़कियों को भी या अन्य छात्र भी जो इस कोर्स के लिए जा रहे हैं, रखना चाहिए कि इस कोर्स के दौरान और नौकरी के दौरान आपको फील्ड का काम बहुत सारा करना होता है, और एक अच्छे लेवल पर पहुंचने के बाद ही आप को ऑफिस का काम करने दिया जाता है।
तो अगर आप फील्ड के काम के लिए कंफर्टेबल हो, मतलब आप साइट पर खड़े होकर काम करवा सकते हैं, अपने वर्कर्स को सही ढंग से मैनेज कर सकते हैं, उनसे सही काम ले सकते हैं, तभी आप यह कोर्स ज्वाइन करें ।
अगर कोई छात्रा यह कोर्स करती हैं, तो बहुत ज्यादा चांस है कि उन्हें राज्य सरकार की या सेंट्रल गवर्नमेंट की सरकारी नौकरी मिल जाएगी ।
क्योंकि कई सरकारी नौकरियों में डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग कोर्स कर चुके छात्रों को रिजर्वेशन मिलता है, और साथ में लड़कियों को भी अलग से रिजर्वेशन मिलता है, तो नौकरी मिलने की संभावना बहुत ज्यादा हो जाती है ।
Sir civil me kiss post matlab side engg. Project angg.
Kayi tarh ki post hoti hai
En sab me sab se best post jisme jyada arning aur jiska crez jyada ho wo bataiye
Aur civil engg. Diplom ke baad jis post ke bare me mai janna chaah raha uske liye koyi alag se adisnal course hai kya specialisation ho sake us line ka
Kya koyi civil me building materials specialist post ke liye alag se koyi diploma hai kaha se hoga jisko karne ke baad mai company ke infrastructure materail ki diling dicision maker post ke liye
Plz sir🙏 reply me my no. 9455283661
building material iske andar hi aata hai..aap agar usi sector me jana chahte hai, to uske bare me thoda jyada concentrate kijiye…baki sab experience ke sath hi aayega
Sir polytechnic k Baad B.E m 2nd m lateral entry level scte h ya nhi
haan engineering 2nd year me admission le sakte hai
Great
Thanks
Thank you sir sir aapse mujhe baat karna my mobile number 958 732 96 23
please mail me at ajaykumar213151@gmail.com
Sir silebus hard hai iska to or work bhi bahut hard hai,konsi trad chune samajh me nahi aa raha,sir me 10th pass hu saral or badhiya nokari wali trad batay,help me sir
Thanks thanks again for the nice ,clean nd clear information regarding civil engineering. After reading the content there is no confusion 🙂☺️ to choose this field.thanks sir.
Thank you sir ,aap ne bahut hi achchhi knowledge diya h jisse deploma in civil students apne carrier me kari kuchh kar sakte h .
Best of luck for your future
Sir mene 12th commerce me kiya he bohot saal pahle age bhi 41 he civil me jana chahta hu
मैने 12 th कॉमर्स से किया हे सिविल में जाना चाहता हूं